HELLO BRAINBOOK ARMY, स्वागत है आप सभी का BRAIN BOOK चैनल में, जहां पर आप देख सकते हैं COMPLETE BOOK SUMMARIES | आज का यह वीडियो LOUISE HAY की किताब, YOU CAN HEAL YOUR LIFE पर आधारित है | आप में से बहुत सारे लोगों ने मुझे इस किताब पर वीडियो बनाने की REQUEST की थी | लेखिका ने यह किताब 14 CHAPTERS में लिखी है | जिसमे Louise Hay ने बताया है कि किस तरह हमारा दिमाग और शरीर एक दूसरे से जुड़ा है? किस तरह हम अपने सोचने के तरीके को बदलकर अपनी हर बीमारी को ठीक कर सकते हैं ? कैसे हम अपने जीवन के हर घाव को भर सकते हैं ? कैसे अपने जीवन की लगभग हर समस्या को हल कर सकते हैं? मैंने इस किताब को 2 PARTS में DIVIDE किया है और मैं एक-एक करके आपको सभी CHAPTERS के बारे में DETAIL में बताऊंगा | मैंने इस किताब को इन 2 PARTS में ज्यादा से ज्यादा COVER करने की कोशिश की है ताकि कुछ भी रह न जाए | इस Part में, मैं आपको CHAPTER 1 से लेकर chapter 5 के बारे में बताऊंगा | इस video के अंत में, मैं बताए गए Chapters के सभी महत्वपूर्ण बातों को संक्षिप्त में दोबारा दोहरा दूँगा, ताकि इस video में बताई गई बातें आपको आसानी से याद रहे | तो इस वीडियो को अंत देखना मत भूलियेगा |
तो चलिए शुरूआत करते हैं पहले Chapter से |
Chapter 1 है What I Believe – जिसमें मुझे विश्वास हैं |
1) Life is very simple, what we give out, we get back
जीवन वास्तव में बहुत सरल है, हम जो देते हैं, वही हमें वापस मिलता हैं |
हम अपने जीवन में जिन बातों पर विश्वास करते हैं वही हमारे जीवन की सच्चाई बन जाती हैं | हम अपने मन में जो भावनाएं महसूस करते हैं उन्हीं से हम अपनी जिंदगी बनाते हैं | हम अपने जीवन की परिस्थितियां और परिणाम खुद बनाते हैं और जब हम किसी परिस्थिति में निराश होते हैं तो उसका दोष दूसरों को को देते हैं | लेकिन सच तो यह है कि अपने जीवन के हर परिणाम और परिस्थिति के लिए हम खुद ही ज़िम्मेदार हैं |
हम अपने बारे में और अपने जीवन के बारे में जो भी सोचते हैं, जिन बातों पर विश्वास करते हैं वही हमारे जीवन में सच हो जाती हैं | Law of attraction के नियम के अनुसार प्रकृति यह नहीं देखती कि हमारे विचार सही हैं या ग़लत और हमारे सभी विचारों को वैसे ही स्वीकार कर लेती है जैसा हम सोचते हैं | जब आप सोचते हैं कि आप अकेले हैं और कोई आपको पसंद नहीं करता तो यही आपके जीवन की सच्चाई बन जाएगी और आप जहां भी जाएंगे खुद को अकेला पायेंगे | दूसरी ओर अगर आप यह सोचेंगे कि आप प्रेम के काबिल हैं और आपके चारों तरफ़ प्यार ही प्यार है तो सच में दूसरे लोग आपको पसंद करेंगे और आपको कभी अकेलापन महसूस नहीं होगा |
हमारे समाज में जब बच्चे बड़े होते हैं तो उनके माता पिता, बाकी परिवार के लोग और आस-पास के लोगों का व्यवहार बच्चों पर बहुत प्रभाव डालता है | जो माता-पिता बचपन से बच्चों को दबाव में रखते हैं और छोटी-छोटी बातों पर नाराज़ होते हैं, ऐसे बच्चे खुद के बारे में और दुनिया के बारे में बहुत सी negative बातें सीखते हैं और उनकी सोच negative बन जाती है | जिन बच्चों के माता पिता उनके साथ बचपन से ही प्यार से व्यवहार करते हैं, वह बच्चे बड़े होकर खुद के साथ भी अच्छा व्यवहार करते हैं और उनकी सोच बहुत positive होती है |
अगर आप भी अपने विश्वास की शक्ति को बढ़ाना चाहते हैं और एक सकारात्मक जीवन जीना चाहते हैं धन कमाना चाहते हैं और सफलता पाना चाहते हैं तो हमने अपनी वेबसाइट brainbook.in पर पॉजिटिव एफर्मेशंस और लॉ ऑफ अट्रैक्शन के कुछ ऑडियो बनाए हैं आप डिस्क्रिप्शन में दिए हुए लिंक पर जाकर या ऊपर आई बटन पर क्लिक करके इन audios को डाउनलोड कर सकते हैं |
2) The point of power is always in the present moment
शक्ति हमेशा वर्तमान में होती है
आपने जीवन में अभी तक जितनी भी समस्याएं और परिस्थितियां देखी हैं, वह सब आपके बीते हुए समय की सोच और विचारों का परिणाम है | अच्छी यह बात है कि यह आपके पुराने विचारों का परिणाम है और आपका पुराना समय बीत गया है | आपके लिए महत्वपूर्ण यह है कि इस समय आप क्या सोच रहे हैं और आप कैसी बातों पर विश्वास करते है | आपके वर्तमान के विचार और विश्वास ही आपका भविष्य बनाएँगे | आप इस समय अपने मन में positive विचार सोच रहे हैं या negative ? आप कौन सा विचार रखकर अपना भविष्य बनाना चाहेंगे ?
अगर आप सोचते हैं कि आप एक अच्छे इंसान नहीं है तो आपको इस सोच को फौरन बदल देना चाहिए क्योंकि यह विचार आपको सचमुच एक बुरा इंसान बना देगा | जब आप इस विचार को बदल देंगे तो आप अपने बारे में अच्छा महसूस करेंगे | आपकी सारी शक्ति आपके वर्तमान में है | यह मायने नहीं रखता कि आप कितने समय से negative विचार सोच रहे थे | आप आज ही उन्हें बदल सकते हैं और अपना एक नया भविष्य बना सकते हैं | इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि आपका बचपन कैसा था क्योंकि अपने भविष्य को बदलने की सारी शक्ति इस समय आपके पास है |
3) Resentment, criticism, fear and guilt cause more problems than anything else in life
निराशा, आलोचना, भय और अपराध बोध जीवन में किसी भी चीज की तुलना में अधिक समस्याएं पैदा करते हैं |
निराशा, पछतावा, डर और दोष, यह चार भावनाएं हमारे जीवन और शरीर की सभी समस्याओं का कारण है | ऐसी भावना तब उत्पन्न होती हैं जब हम अपने जीवन में आने वाली समस्याओं के लिए दूसरों को दोष देते हैं | हम खुद किसी बात की जिम्मेदारी नहीं लेना चाहते | सच यह है कि हमारे जीवन में जो भी होता है हम खुद ही उसके लिए जिम्मेदार हैं क्योंकि बाहरी समस्याएं और परिस्थितियां हमारे विचारों की परछाईं हैं | मैं ये नहीं कह रहा कि अगर दूसरे लोग आपके साथ बुरा व्यवहार करते हैं तो उसका कारण आप हैं | मेरे कहने का मतलब यह है कि आप अपने बुरे विचारों से बुरा व्यवहार करने वाले लोगों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं |
पछतावा एक ऐसा अनुभव है जो आपके शरीर को खराब करती है और बीमारियों को पैदा करती है | आलोचना और अपराध बोध से आपके शरीर की हड्डियों में दर्द की शिकायत हो सकती है | बहुत से लोग जिनके शरीर में दर्द की समस्या है, वह खुद को और दूसरे लोगों को हमेशा दोष देते हैं और उनकी आलोचना करते हैं | डर और डर के कारण होने वाली चिंता आपके शरीर में बीमारियों को जन्म देता है | आप अपने मन से निराशा और पछतावे की भावना को खत्म करके और लोगों को माफ़ करके किसी भी बीमारी को खत्म कर सकते हैं | इसके लिए आपको अपने विचारों को बदलना होगा |
4) We can change our attitude towards the past
हम अतीत के प्रति अपना नज़रिया बदल सकते हैं
हमारा बीता हुआ समय जा चुका है और हम उसे बदल नहीं सकते, इसलिए पछताना बेकार है | अगर किसी व्यक्ति ने हमें बीते समय में दर्द दिया है तो उसको वर्तमान में सज़ा देना सबसे बड़ी बेवकूफी है | जब हम निराश होते हैं और जीवन में किसी बड़ी समस्या में होते हैं तो निराशा की भावना को अपने मन से निकालना मुश्किल होता है | पहले हमें मन से समस्याओं के डर को निकालना होगा | अगर आप यह सोचेंगे कि आप किसी समस्या के शिकार हैं और उनसे निकलने का कोई रास्ता दिखाई नहीं दे रहा तो यह सोच परिस्थिति को और मुश्किल बना देगा | हमें ऐसे बेवकूफी भरे विचारों को अपने मन से निकाल देना चाहिए जो हमें सहयोग नहीं करते |
5) All disease comes from a state of unforgiveness
सभी रोग माफ़ न करने की स्थिति में जन्म लेते हैं
हमारे शरीर में किसी भी तरह की बीमारी खुद को और दूसरों को दोष देने से और माफ़ ना करने से पैदा होती है | जिस व्यक्ति को माफ़ करना आपको सबसे मुश्किल लगता है, आप को उसी को सबसे पहले माफ़ करना चाहिए और उसकी बातों को अपने मन से निकालना चाहिए | महत्वपूर्ण यह है कि आप माफ़ करने का निर्णय लें | आपको केवल अपने आप से प्रेम करना है जिससे निराशा और पछतावे जैसी negative भावनाएं अपने आप ख़त्म हो जाएंगी | जब आप खुद से प्रेम करेंगे और आप जैसे हैं वैसे ही अपने आप को स्वीकार करेंगे, तो सभी परिस्थितियां अपने आप सुधर जाएंगी | आपकी सेहत अच्छी हो जाएगी, आपके रिश्ते सुधर जाएंगे और उनमें मधुरता आएगी | अपने वर्तमान में खुद को स्वीकार करना और खुद से प्रेम करना, अपने जीवन के हर हिस्से में positivity लाने का सबसे आसान तरीका है |
Chapter 2 है What is the Problem? – समस्या क्या है?
इस किताब की लेखिका एक Spiritual Healer थी जो लोगों की समस्याओं का समाधान करती थी | लेखिका के पास बहुत से लोग अपनी समस्याएं लेकर आते थे | मैं आपको बताऊंगा कि लोग लेखिका के पास किस तरह की समस्या लेकर आते थे |
1) शारीरिक समस्याएं
लोग लेखिका के पास अपनी शारीरिक समस्याएं लेकर आते थे और कहते थे कि उनके शरीर में दर्द होता है, खून आता है जलन होती है और कई तरीके की समस्याएं उन्हें बताते थे | लेखिका कहती है कि लोगों की जो भी शारीरिक समस्याएं थी वह उन्होंने खुद ही अपने सोच और भावनाओं से पैदा की थी |
2) खराब रिश्तों की समस्याएं
लोग कहते थे कि उनके रिश्ते खराब हो रहे हैं और दूसरे लोग उन्हें सहयोग नहीं देते | उनके परिवार के सदस्य उनकी कोई बात नहीं मानते, और किसी भी बात में उनका साथ नहीं देते |
3) आर्थिक समस्याएं
लोग कहते थे कि उनका बिज़नेस अच्छा नहीं चल रहा, उनके पास पैसे की कमी है, जितना भी पैसा आता है सारा खर्च हो जाता है | वे अपने खर्चे पूरे नहीं कर पाते और उन्हें लगता है कि उन्हें बिज़नेस में लाभ होने की जगह नुकसान हो रहा है |
4) लोगों के जीवन की समस्याएं
लोग कहते थे कि वे जो करना चाहते हैं वह कर नहीं पाते, किसी को खुश नहीं कर पाते | उनके पास खुद के लिए समय ही नहीं है | वह कोई भी काम ठीक से नहीं कर पाते | कोई इस बात की परवाह नहीं करता कि वह क्या कर रहे हैं | उनके सभी कामों में देरी होती है और उनका कोई काम पूरा नहीं होता | उन्होंने जीवन में बहुत कोशिश कर लिया लेकिन कोई भी तरकीब उनके काम की नहीं है |
दोस्तों मैंने लोगों के जीवन की जितनी भी समस्याएं आपको बताई हैं असल में वह सभी समस्याएं केवल आपकी सोच का परिणाम हैं | लोग खुद के लिए और दूसरों के लिए जो भावनाएं रखते हैं वही उनकी सभी समस्याओं का कारण है |
Loving the Self
खुद से प्यार करना
लेखिका कहती हैं कि किसी के जीवन में कितनी भी बड़ी समस्या क्यों ना हो, उन सभी समस्याओं का समाधान प्रेम से किया जा सकता है | खुद से प्यार करने का मतलब यह नहीं कि आप खुद पर घमंड करने लगे | खुद से प्रेम करने का मतलब है अपना सम्मान करना, अपने जीवन का संपूर्ण आनंद लेना और हमेशा अपने मन में आनंद की भावनाओं को रखना |
जब हम किसी भी अच्छी चीज को अपनी ओर आने से रोकते हैं तो उसका मतलब है कि हम खुद से प्रेम नहीं कर रहे | खुद का सम्मान ना करना भी अपने जीवन में प्रेम की कमी होने का ही परिणाम है | खुद से प्रेम करना ही अपने जीवन की समस्याओं को खत्म करने का सबसे शक्तिशाली तरीका है |
The Problem is rarely the Real Problem
दिखनेवाली समस्या शायद ही कभी असली समस्या होती है|
आजकल लोगों को अक्सर ज्यादा वजन होने की समस्या होती है | वह ज्यादातर अपने आप को शीशे में देखते हैं और कहते हैं कि उनका वजन ज़्यादा है जो कि उनकी असली समस्या नहीं है | लोग अपना सारा ध्यान ज़्यादा वजन पर केंद्रित करते हैं और अपने वजन को कम करने के लिए बहुत से तरीके अपनाते हैं | वजन कम करने के लिए लोग exercise करते हैं, खाना कम खाते हैं, अपने भोजन में कई तरह के बदलाव करते हैं और अपना सारा ध्यान वजन कम करने में लगाते हैं | उनकी असली समस्या ज़्यादा वजन नहीं है क्योंकि यह उनकी आंतरिक समस्या का बाहरी परिणाम है | कुछ लोग अपने आप को शीशे में देख कर कहते हैं कि वह संपूर्ण नहीं है और कुछ लोग खुद ही अपने आप में कमियाँ निकालते हैं और कहते हैं कि उनके अंदर बहुत सारी कमियाँ हैं |
कई औरतें अपने आप को शीशे में देखती हैं और सुंदर दिखने के लिए कई तरह की चीजें अपने चेहरे पर लगाती हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि बिना मेकअप के वे अधूरी हैं | उन्हें लगता है कि वे सुंदर नहीं है और उनके अंदर बहुत सी कमियाँ हैं | खुद की आलोचना करना और खुद से प्रेम ना करना ही, उनकी सभी समस्याओं का कारण है |
The Real Problem
असली समस्या
जब लोग अपने आप में कमियाँ देखते हैं और अपनी आलोचना करते हैं तो वह खुद से प्रेम नहीं करते जिसके कारण उनके जीवन में बहुत सी समस्याएं आ जाती है | ऐसे लोग सोचते हैं कि वह बहुत दुबले हैं, मोटे हैं, आलसी हैं या बहुत बदसूरत है | आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जिन्हें आप बहुत सुंदर समझते हैं, वह भी अपने आप को सुंदर नहीं समझते, उन्हें भी अपनी सुंदरता में कमियाँ नज़र आती हैं | कहने का मतलब यह है कि ज्यादातर लोग यही सोचते हैं कि वह संपूर्ण नहीं हैं, वह उतने अच्छे नहीं हैं जितना उन्हें होना चाहिए और कई समस्याओं जैसे कि पैसे की कमी, रिश्तों का ख़राब होना, शरीर में बीमारियों का होना, नौकरी या बिज़नेस अच्छा ना चलना सभी तरह की समस्याओं का कारण है – खुद से प्रेम न करना | अच्छी बात यह है कि खुद से प्रेम करके और खुद को स्वीकार करके इन सभी समस्याओं का हल निकाला जा सकता है |
Chapter 3 है Where does it come from? – यह कहां से आता है?
दोस्तों अब जब हमें पता है कि हमारी सभी समस्याओं का कारण खुद को संपूर्ण ना देखना और खुद से प्रेम ना करना है तो आइये जानते हैं ये आया कहां से है | एक छोटा सा बच्चा अपनी और अपने जीवन की संपूर्णता को जानता है, वह खुद से प्रेम करता है इसीलिए उसे हर तरफ से प्रेम मिलता है | छोटे बच्चे के आस पास रहने वाले सभी लोग उससे प्रेम करते हैं क्योंकि वह अपनी संपूर्णता को जानता है | जब वह बच्चा बड़ा हो जाता है तो एक ऐसा व्यक्ति बन जाता है जिसके जीवन में बहुत सी समस्याएं होती हैं | वह खुद से प्यार नहीं करता और खुद को संपूर्ण नहीं समझता | ज़रा सोचिए ऐसा क्या है जो एक छोटा बच्चा बड़ा होने पर इतना बदल जाता है |
इसका कारण यह है कि जब एक छोटा बच्चा स्कूल जाने लगता है तो उसके माता-पिता उसे कहते हैं कि उसे सबसे ज्यादा marks लाने हैं | जब वह बड़ा होता है तो उसके माता-पिता और आसपास के लोग ढेर सारी उम्मीदें रखते हैं जिन्हें वह पूरा नहीं कर पाता | उसके परिवार के सदस्य और आसपास के लोग उसे बताते हैं कि वह पढ़ाई ठीक से नहीं करता, वह अच्छे marks नहीं लाता, वह मोटा या पतला है और उसकी कमियाँ बताते हैं | लोग जो भी बताते हैं बच्चा उन सभी बातों को मान लेता है कि उसमें बहुत सी कमियाँ हैं और वह संपूर्ण नहीं है | यहीं से उसकी सभी समस्याओंकी शुरुआत होती है | जब वह अपने अंदर कमियाँ देखने शुरू करता है तो धीरे-धीरे उसका वजन कम होने लगता है या बढ़ जाता है, वह एक व्यक्ति की उम्मीदें पूरी करता है और दूसरे की नहीं कर पाता | वह अपने माता पिता और आसपास के लोगों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरता | यहीं से उसे विश्वास होता है कि वह संपूर्ण नहीं है और वह हमेशा दूसरों को संतुष्ट करने में लगा रहता है और खुद से प्रेम करना छोड़ देता है |
लोगों के बहुत से विचार होते हैं जो उन्हें जीवन में आगे नहीं बढ़ने देते और जो उनकी सभी समस्याओं का कारण होते हैं | उनके यह विश्वास बचपन से ही बन जाते हैं और हमेशा उनके लिए समस्याएं पैदा करते रहते हैं |
Blaming others
दूसरों को दोष देना
दूसरों को दोष देने का मतलब है अपनी समस्याओं में फंसे रहना | समझदारी से काम लेने से हम अपनी समस्याओं से ऊपर उठते हैं और उनका हल ढूंढ लेते हैं |
हम लोगों को इसलिए दोष देते हैं क्योंकि वह हमारे साथ कुछ गलत करते हैं | वे ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि वे भी हमारी तरह ही अपने जीवन की समस्याओं से डरते हैं | वे भी हमारी तरह ही अपने जीवन से दुखी हैं | वे आपको केवल वही चीजें सिखाते हैं जो उन्होंने खुद सीखी हैं | इसीलिए वे आप को दोष देते हैं और आप उन्हें दोष देते हैं | आपको अपनी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए दूसरों को माफ़ करना होगा | अगर आप दूसरों को माफ़ नहीं करेंगे तो खुद को भी माफ़ नहीं कर पाएंगे |
Listening to others
दूसरों की बात सुनना
क्या आपने कभी सोचा है कि आपके माता पिता, आपके परिवार के लोग और आपके शिक्षक बचपन में जो आपसे कहते हैं उनका आपके जीवन पर कितना गहरा असर होता है | जब आपके बड़े भाई बहन बचपन में आपसे कहते हैं कि कि आप उनके साथ खेलने के लिए अभी बहुत छोटे हैं तो आप में तभी से हीन भावना पैदा हो जाती है | जब exam में आपके कम marks आते हैं तो आप अपनी काबिलियत का अनुमान लगाते हैं | कम marks आने पर आप अपने आप को कुछ बड़ा करने के काबिल नहीं समझते और यही विचार आपका विश्वास बन जाता है | जब आप बचपन में किसी dance programme में या अपने पसंद की किसी भी programme में हिस्सा लेते हैं तो आपके माता-पिता आपसे कहते हैं कि आस – पड़ोस के लोग क्या सोचेंगे ? आस-पड़ोस के लोगों की वजह से आप अपनी मनपसंद काम को करना छोड़ देते हैं | बड़े होने पर आप किसी ऐसे Career को चुन लेते हैं जिसमें आपकी ज़रा भी दिलचस्पी नहीं होती |
लोगों की बातें सुनकर उन पर अमल करने से आपके मन में कई तरह के negative विचार आते हैं जो समय के साथ आपका अटूट विश्वास बन जाते हैं | ऐसा करने से आप अपने आप को कुछ भी अच्छा करने के काबिल नहीं समझते | बचपन के यही negative विचार आपके लिए जीवन भर समस्याएं पैदा करते रहते हैं और आप एक दुःख भरा जीवन जीते हैं |
अगर आप अपने जीवन में परिवर्तन करना चाहते हैं तो आपको अपने बचपन के इन विचारों को बदलना होगा |
Chapter 4 है Is it True? – क्या यह सच है?
दोस्तों इस chapter में हम बात करेंगे कि हमारे जीवन में क्या सच है और क्या नहीं | ज्यादातर लोग अपने जीवन में उसी तरीके से सोचते हैं जिस तरह से उनके माता-पिता सोचते हैं लेकिन हमारे लिए ऐसा करना जरूरी नहीं है | अगर आप सोचेंगे कि जीवन एक बोझ की तरह है और मेरी जिंदगी में कभी भी कुछ अच्छा नहीं होता तो सचमुच जिंदगी आपके लिए एक बोझ बन जाएगी | अपने जीवन के हर हिस्से के बारे में हमारे कोई ना कोई ऐसे विचार होते हैं जिनके बारे में हमें जानकारी नहीं होती | मैं आपको आम लोगों के जीवन की समस्याओं और उनके पीछे के विचारों के कुछ उदाहरण बताता हूं |
समस्या – आर्थिक संकट या धन की कमी |
विचार – मैं ज़्यादा धन के काबिल नहीं हुँ |
समस्या – ज्यादा दोस्त ना होना |
विचार – कोई मुझसे प्रेम नहीं करता |
समस्या – हमेशा दूसरों को खुश करना |
विचार – मैं अपनी मर्ज़ी से कोई काम नहीं कर पाता |
समस्या – काम और कार्य क्षेत्र से संबंधित समस्याएं |
विचार – मुझ में काबिलियत की कमी है |
जब हमारे जीवन में ऐसी कोई भी समस्या आती है तो उन समस्याओं से जुड़े विचार भी हमें सच लगते हैं इसलिए हम उन विचारों को अपना विश्वास बना लेते हैं | हमें उन सभी negative विचारों को बदलकर उनके बदले में positive विचार सोचने होंगे और जब हम ऐसा करेंगे तो हमारे परिणाम भी positive हो जाएंगे और समस्याएं गायब हो जाएंगी |
इसलिए पहले आप अपनी समस्याओं के कारण पर ध्यान दें | हर समस्या के पीछे वह कौन सा विचार है जो उसे पैदा कर रहा है ? उसके बाद आपको उस विचार को उसके विपरीत विचार से बदलना होगा | उदाहरण के तौर पर अगर आप एक आर्थिक संकट से गुज़र रहे हैं और कर्ज के बोझ के नीचे दबे हैं तो उसके पीछे आपका विचार है कि आपके पास इस समय धन की कमी है | आपको धन की कमी के विचार को अपने मन से निकालना होगा | आपको सोचना होगा कि आपके पास जरुरत से अधिक धन है और हर चीज प्रचुरता में है | आपके रोज़ ऐसा करने से आपकी सभी आर्थिक समस्याएं खत्म हो जाएंगी और आपके जीवन में सचमुच खुशी आएगी | इस तरह आप अपने जीवन की किसी भी समस्या में अपने विचारों को बदल कर उसका समाधान कर सकते हैं |
If you believe it, it seems true
यदि आप इसे मानते हैं, तो यह सच हप जाएगा |
जैसा कि मैंने आपको पहले भी बताया कि हम जो भी सोचते हैं वही हमारे जीवन का सच बन जाता हैं | हम खुद अपने नए विचार सोच सकते हैं और उन्हें ही अपने जीवन का सच बना सकते हैं | अगर आप प्रचुरता से भरा जीवन जीना चाहते हैं तो आपको प्रचुरता के विचार सोचने होंगे | अगर आप प्रेम से भरा जीवन चाहत जीना चाहते हैं तो आपको प्रेम के विचार सोचने होंगे और अपने मन को पूरी तरह प्रेम से भरना होगा | आपको दूसरों के प्रति नफरत या जलन का कोई भाव नहीं रखना होगा | यह आपका जीवन है इसलिए आप अपने विचार खुद चुनिए, इसके लिए आपको किसी से इजाज़त की जरूरत नहीं है | जब आप अपने लिए ऐसे विचार चुनेंगे जो आपको आपका मनपसंद जीवन जीने में आपकी मदद करेंगे, तो आप एक ऐसा जीवन जी सकते हैं जिसकी आप कल्पना भी नहीं कर सकते |
Each moment is a new beginning
हर पल एक नई शुरुआत हैं |
अपने जीवन को बदलने की शक्ति आपके पास मौजूद है | आप कभी भी अपनी वर्तमान परिस्थिति में कैद नहीं हो सकते | आपके जीवन में चाहे कितने भी लंबे समय से खराब परिस्थितियां चल रही हों आप अपने जीवन को बदलने का फैसला आज इसी समय ले सकते हैं | याद रखिए आप खुद ही अपने विचारों को नियंत्रित कर सकते हैं दूसरा कोई नहीं | आपके बीते हुए के विचारों ने आपके वर्तमान की परिस्थितियों को बनाया है | इसी तरह आपके वर्तमान के विचार आपका भविष्य बनाएँगे | आप इसी समय अपने वर्तमान में नए विचारों को अपनाकर एक नया भविष्य बना सकते हैं |
Chapter 5 है What We Do Now – हम अभी क्या करते हैं?
दोस्तों जब हमें हमारी मौजूदा परिस्थिति और हमारे वर्तमान के परिणाम पसंद नहीं आते तो हम क्या करते हैं ? हम अपनी वर्तमान परिस्थिति को देख कर बुरा महसूस करते हैं | उदाहरण के तौर पर अगर आपको जल्दी गुस्सा आता है तो दूसरों की छोटी-छोटी ग़लतियाँ देखकर आप गुस्सा हो जाएंगे | गुस्सा होकर आप बुरा महसूस करते हैं | आप अपनी गुस्सा करने की आदत को कभी नहीं बदलते हैं या उसे बदलने की कोशिश नहीं करते | आप अपने विचारों से जो भी frequency बाहर भेजते हैं वहीं आपके पास लौट कर आती है | आप हमेशा ऐसे विचार सोचते हैं जिनसे आप गुस्सा होने वाली परिस्थितियों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं |
Willing to Change
बदलने की इच्छा
हम सब अपनी जिंदगी को बदलना तो चाहते हैं लेकिन उसे बदलने के लिए हम कुछ करना नहीं चाहते | अपने जीवन की परिस्थितियों को बदलने के लिए सबसे पहले आप को यह फैसला लेना होगा कि आप बदलना चाहते हैं | अपने जीवन को बदलने के लिए हमें अपने विचारों को बदलना होगा | जिस तरह से हम अपने घर की सफाई करते हैं उसी तरह हमें अपने मन की सफाई करनी होगी | घर की सफाई करते समय हम देखते हैं कि घर में बहुत सारा पुराना और खराब सामान पड़ा है यह हमारे घर की ऊर्जा को negative बनाता है | ठीक उसी तरह हमारे खराब विचार हमारे अंदर negative ऊर्जा उत्पन्न करते हैं जिनके कारण हमें negative परिणाम मिलते हैं | जिस तरह हम घर में पड़े खराब सामान को घर से बाहर निकाल देते हैं ठीक उसी तरह हमें अपने खराब विचारों को अपने मन से बाहर निकालना होगा | और जिस तरह हम खराब सामान को बाहर फेंकने के बाद दोबारा उठाकर घर में नहीं लाते उसी तरह हमें अपने खराब विचारों को मन से निकालने के बाद दोबारा नहीं सोचना चाहिए |
तो दोस्तों यह इस video में बताया गया आखिरी chapter था और जैसा कि मैंने आपसे कहा था कि इस video के अंत में, मैं आपको बताए गए सारे chapters के महत्वपूर्ण points को दुबारा दोहराऊँगा तो चलिए सारे महत्वपूर्ण बातों पर एक बार फिर से नजर डाल लेते हैं :
- अपने वर्तमान में खुद को स्वीकार करना और खुद से प्रेम करना, अपने जीवन के हर हिस्से में positivity लाने का सबसे आसान तरीका है |
- जब हम किसी भी अच्छी चीज को अपनी ओर आने से रोकते हैं तो उसका मतलब है कि हम खुद से प्रेम नहीं कर रहे |
- अगर आप अपने जीवन को बदलना चाहते हैं तो आपको अपने विचारों को बदलना होगा |
- आपके जीवन में चाहे कितने भी लंबे समय से खराब परिस्थितियां चल रही हों, आप अपने जीवन को बदलने का फैसला आज इसी समय ले सकते हैं |
- जिस तरह हम घर में पड़े खराब सामान को घर से बाहर निकाल देते हैं, ठीक उसी तरह हमें अपने खराब विचारों को अपने मन से बाहर निकाल देना चाहिए |
तो दोस्तों ये, YOU CAN HEAL YOUR LIFE किताब का पहला PART था | मुझे उम्मीद हैं कि आपको ये PART बहुत पसंद आया होगा और आपने इस वीडियो में बताई गई बातों से बहुत कुछ सीखा होगा | इस video को like और share करें | और ऐसे ही Book Summaries और knowledge से भरे videos देखने के लिए हमारे चैनल Brain Book को subscribe करें | मैं जल्द ही YOU CAN HEAL YOUR LIFE का दूसरा PART लेकर आऊंगा तो चलिए मिलते हैं अगली VIDEO में |
आपका समय शुभ हो |