HELLO BRAINBOOK ARMY, स्वागत है आप सभी का BRAIN BOOK चैनल में, जहां पर आप देख सकते हैं COMPLETE BOOK SUMMARIES | आज का यह वीडियो Nicholas Boothman की किताब, How to Make People Like You in 90 Seconds or Less पर आधारित है | इस video में हम जानेंगे कि किस तरह हम आकर्षक बन सकते हैं? कैसे 90 सेकेंड के अंदर हम किसी को भी प्रभावित कर सकते हैं? किस प्रकार अच्छे संबंध बनाकर हम सफलता प्राप्त कर सकते हैं? Nicholas Boothman ने इस किताब 7 techniques बताएं और मैं एक-एक करके आप को उन सभी Techniques के बारे में बताऊंगा । इस video के अंत में, मैं बताये गए सभी महत्वपूर्ण बातों को संक्षिप्त में दोबारा दोहरा दूँगा, ताकि इस video में बताई गई बातें आपको आसानी से याद रहे | तो इस वीडियो को अंत देखना मत भूलियेगा |
तो चलिए शुरूआत करते हैं पहली Technique से |

Bonding with others – दूसरों के साथ जुड़ना

जब से मानव जाति का विकास हुआ है तब से हम community  या समुदाय में रहने के लाभ जानते हैं। प्रारंभिक मानव एक साथ मिलकर शिकार करते थे और भोजन की तलाश करते थे। क्योंकि उन्हें पता था कि अकेले-अकेले शिकार करने और काम करने के बजाय, एक group या समूह में वह बेहतर तरीके से काम कर सकते थे और जीवित रह सकते थे।

दूसरों के साथ जुड़ने और एकजुट होने की यह गहरी इच्छा अभी भी हमारे साथ है।

हम हमेशा दूसरों से मिलना और लोगों के आसपास रहना पसंद करते हैं फिर चाहे वह कोई त्यौहार हो  या कोई पार्टी हो। यह मनुष्य का प्राकृतिक स्वभाव है। और बस ऐसा नहीं है कि यह  हमारा प्राकृतिक  स्वभाव  है इसलिए हम लोगों के साथ जुड़ते हैं या हमें लोगों के साथ  जुड़ना चाहिए बल्कि लोगों के साथ जुड़ना हमारे स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए भी बहुत लाभदायक है।

लेखक कहते हैं कि जो लोग दूसरों से मिलजुल कर रहते हैं और  लोगों से अच्छे संबंध रखते हैं उन लोगों की उम्र ज्यादा लंबी होती है। Harvard School of Health Sciences की प्रोफेसर Dr. Lisa Berkman ने 7000 लोगों के एक समूह का 9 वर्षों तक अध्ययन किया। उनके research से यह पता चला कि जिन लोगों के संबंध दूसरों से अच्छे नहीं होते और जो लोग किसी समूह या group के साथ जुड़ना पसंद नहीं करते  उन लोगों की किसी बीमारी से मरने की संभावना उनकी तुलना में 3 गुना ज्यादा होती है जिनके संबंध दूसरों से अच्छे होते हैं और जो दूसरों के साथ मिलजुल कर रहते हैं।

लेकिन लोगों के साथ जुड़ने और नए दोस्त बनाने के लाभ केवल लंबी उम्र तक ही सीमित नहीं है। अच्छे संबंध  जीवन में सफलता  प्राप्त करने के लिए भी बहुत आवश्यक है।

आप जीवन में जो भी सपने देखते हैं चाहे वह एक अच्छी नौकरी हो, एक अच्छा partner हो या किसी अच्छी जगह घूमना हो| यदि दूसरों के साथ आपके संबंध अच्छे हैं तो आपको अपने सपनों को पूरा करने के बेहतर अवसर मिल सकते हैं। जैसे कि आपको अपने दोस्त से किसी अच्छी नौकरी के बारे में पता चल सकता है या फिर यदि आप कहीं घूमने जाना चाहते हैं तो हो सकता है कि आपके दोस्त की पहचान के कारण आपको किसी होटल में डिस्काउंट मिल जाए।

तो दोस्तों  लोगों से जुड़ने के फायदे तो हम लोगों ने जान  लिए।लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि दूसरों से जुड़ना आसान है। वास्तव में, यदि आपका और सामने वाले का कोई मिलता-जुलता interest  ना हो, नए लोगों से जुड़ना काफी कठिन हो सकता है। जब भी आप किसी ने भी किसी मिलते हैं तो उसे प्रभावित करने के लिए आपके पास लगभग 90 सेकंड का समय होता है। अगर आप इस सीमित समय के अंदर उस व्यक्ति को प्रभावित ना कर पाए तो यह बहुत कठिन है कि आप उसे आगे प्रभावित कर पाएंगे।

सौभाग्य से 90 सेकंड के भीतर किसी को भी प्रभावित करना संभव है। आगे हम यही जानेंगे कि किस तरह हम किसी को भी 90 सेकेंड के भीतर आश्चर्यजनक रूप से प्रभावित कर सकते हैं।

Pay attention to your body language –  अपनी  शारीरिक हाव-भाव पर ध्यान दें

अब आप यह जान चुके हैं कि किसी भी व्यक्ति के साथ बिताए गए शुरुआती पल नए संबंध बनाने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन क्या आप जानते हैं आपके कुछ बोलने से पहले ही लोग आपके प्रति शुरुआती धारणाएं बना लेते हैं।

लेखक Boothman के अनुसार लोग जो सबसे पहली चीज आप में नोटिस करते हैं  वह है आपका शरीर,  आपकी आँखें और आपके चेहरे के हाव-भाव। और इन तीनों चीजों के लिए आपके अंदर एक openess यानी खुलेपन की भावना का होना आवश्यक है।

सबसे पहले अपने शरीर से शुरुआत करें।  किसी को भी प्रभावित करने के लिए सबसे पहले आपका शरीर सीधे सामने वाले  व्यक्ति की दिशा में होना चाहिए। इससे पता चलता है कि आप सामने वाले में  और उसकी बातों में interested  है और आप उनसे बातचीत करना चाहते हैं।

इसके बाद सीधे उनकी आंखों में देखें। सीधे सामने वाले की आंखों में देख कर बात करना, Trust या विश्वास जगाने का एक शानदार तरीका है।

उसके बाद सामने वाले की तरफ देखते हुए  हल्का सा मुस्कुराए। अपने अंदर की सारी positivity को अपनी मुस्कुराहट में  झलकने दे। इससे सामने वाले व्यक्ति  के अवचेतन मन में संदेश  जाएगा कि आप ईमानदार और खुले विचारों वाले इंसान हैं।

जब आप इन तीनों प्रक्रियाओं द्वारा दूसरे व्यक्ति के मन में  जगह बनानी शुरू कर देते हैं तो इसके बाद आप सामने वाले व्यक्ति को अपना परिचय दें। बहुत ज्यादा सोच विचार ना करें और  एक मधुर आवाज़ में Hi  या Hello  के साथ सामने वाले का अभिवादन करें। फिर उस व्यक्ति को अपना पहला नाम यानी First Name बताएं और उन्हें अपना परिचय देने के लिए प्रोत्साहित करें। एक बार जब वो अपना नाम बता दे  तो तुरंत आप उसके नाम को दोहराए ताकि यह सुनिश्चित हो जाए कि उस व्यक्ति का नाम आपके  दिमाग में अच्छी तरह से बैठ जाए। उसका नाम लेकर कहें –  आपसे मिलकर अच्छा लगा।

इसके बाद बात करते हुए सामने वाले की तरफ हल्का सा झुक जाए ताकि दूसरे व्यक्ति को पता चले कि आप उससे बात करने में काफी interested है। इस तकनीक का इस्तेमाल आप सामने वाले से हाथ मिलाते हुए भी कर सकते हैं।

You must develop right attitude – सही रवैया अपनाएं

जब किसी के ऊपर अच्छा प्रभाव डालने की बात आती है तो किसी मिलते जुलते interest या hobby  के बारे में बात करने से अच्छा और कुछ भी नहीं।

जब बात किसी के ऊपर अच्छा प्रभाव डालने की हो तो एक जैसी रुचियाँ या interests मददगार होती हैं। जाहिर है कि हम लोग उन लोगों के साथ अच्छा तालमेल बना पाते हैं जो हमारी ही तरीके की किताबें पढ़ते हो या हमारी पसंदीदा sports team का समर्थन करते हो। पर जब दो लोगों में कोई समानता ना हो तब आपको क्या करना चाहिए?

ऐसे में तालमेल बनाने के बहुत से तरीके हैं जो कि हम आगे की summary में जानेंगे। पर सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ऐसा तालमेल बनाने के लिए आपको जरूरत है एक सही रवैए  यानी कि सही attitude की। यह समझना महत्वपूर्ण है कि आपका रवैया उपयोगी है या फिर वह बेकार है।

एक उपयोगी रवैये का मतलब है कि आप जानते हैं कि आप अपनी बातचीत से क्या परिणाम हासिल करना चाहते हैं जबकि एक बेकार रवैये का मतलब है कि आपको नहीं पता कि आप अपनी बातचीत से क्या परिणाम चाहते हैं।

अगर आप एक अच्छा और उपयोगी रवैया दिखाएँगे तो अपने आप ही अपने हावभाव से आप दूसरे व्यक्ति को आकर्षित कर सकते हैं। जबकि एक बेकार रवैया आपके हावभाव में एक negativity पैदा कर देगा जो दूसरे लोगों को पसंद नहीं आता।

इसलिए अगर आप दूसरों के साथ अच्छा तालमेल बनाना चाहते हैं तो आपको एक उपयोगी और सकारात्मक रवैये को अपनाना चाहिए। परंतु प्रश्न यह है कि आखिरकार आप ऐसा रवैया बना कैसे सकते हैं?

एक सकारात्मक और उपयोगी रवैया इस बात से शुरू होता है कि आप यह तय करें कि आप अपने और दूसरे व्यक्ति के बीच हो रही बातचीत से आखिर क्या परिणाम चाहते हैं। इसलिए जब आप किसी से बातचीत शुरू करें तो आपको सबसे पहले यह जान लेना चाहिए कि आप क्या अंतिम परिणाम चाहते हैं और साथ ही यह भी तय करना चाहिए कि उस अंतिम परिणाम तक कुशलतापूर्वक पहुंचने के लिए आपको कैसी approach या दृष्टिकोण की आवश्यकता है।

उदाहरण के लिए मान लीजिए कि आप छुट्टियाँ मनाने के लिए घर जा रहे हैं पर आपकी फ्लाइट cancel हो गई है। ऐसे में यदि आपका रवैया बेकार है तो आप इसी बात पर ध्यान देते रह जाएंगे कि आप एयरपोर्ट पर फस गए हैं। यह एक नकारात्मक रवैया है जिसके चलते आप एयर लाइन के स्टाफ के ऊपर चिल्ला सकते हैं ताकि आपको तुरंत दूसरी फ्लाइट  दी जाए।

इसके विपरीत अगर आप एक positve और उपयोगी रवैया अपनाते हैं तो आपका ध्यान इस पर होगा कि किसी तरह से आप को  किसी प्रकार की मदद मिल जाए। आप यह सोचेंगे कि कौन सा व्यक्ति दूसरी फ्लाइट पकड़ने में आपकी मदद कर सकता है । आपके चीखने-चिल्लाने से शायद आपको मदद ना मिले परंतु आपके positive रवैये और हावभाव से आपको मदद ज़रूर मिल सकती है।

संक्षेप में हम इसे इस तरह समझ सकते हैं कि जब आप यह तय कर लेते हैं कि आप अपनी बातचीत से एक सकारात्मक परिणाम चाहते हैं तब आप अपने आप ही ऐसी body language और मुस्कुराहट को अपना लेते हैं जिससे लोग आपको पसंद करते हैं और आपकी मदद करने के लिए तैयार हो जाते हैं।

Adopt an Impressive body language – एक प्रभावशाली  body language अपनाएं

अभी तक आपने जाना कि एक सकारात्मक रवैया एक प्रभावशाली body language की नीव है। परंतु प्रभावशाली body language आखिर होता क्या है?

लेखक Nicholas Boothman  के अनुसार body language को दो प्रकार में बाटा जा सकता है: open body language और closed body language

Open body language आपकी भावनाओं को प्रकट करता है जो दूसरे व्यक्ति को यह संकेत देती है कि आप उनसे बातचीत करने के लिए केवल तैयार ही नहीं बल्कि उत्सुक भी है। फलस्वरूप जब दो व्यक्ति एक दूसरे की तरफ देखकर बातचीत शुरू करते हैं तो वह एक गहरा connection बना लेते हैं और उनके बीच आपसी विश्वास बढ़ता है।

इसके विपरीत closed body language निराशा, घबराहट या किसी तरह की बाधा का इशारा देते हुए भावनाओं को बचाने का काम करती है। हाथ बांधना एक बहुत ही आम तरीका है जिससे हम अपनी भावनाओं को बचाने का काम करते हैं। किसी व्यक्ति से बात करते समय दूसरी तरफ देखना या टेढ़ा घूमना भी closed body language का एक संकेत है।

Open Body language सिर्फ शरीर से ही संबंधित नहीं है, यह आपके चेहरे के हाव-भाव से भी संबंधित है। उदाहरण के तौर पर एक open body language वाला चेहरा मुस्कुराता हुआ, नज़रें मिलाता हुआ और स्पष्ट भाव दिखाता हुआ होता है वही एक closed body language वाले चेहरे पर कठोर भाव होते हैं और व्यक्ति नज़रें  मिलाने से बचता है।

ULCA psychology professor Albert Mehrabian communication के क्षेत्र में एक जानी-मानी हस्ती है और उनके अनुसार व्यक्ति की विश्वसनीयता तीन चीजों के तालमेल पर निर्भर करती है: आवाज़, शब्द और दृष्टि।

दूसरे शब्दों में कहे तो, आप क्या बोल रहे हैं, आप कैसे बोल रहे हैं और आपका शरीर क्या संकेत दे रहा है, इन तीनों चीजों का तालमेल होना जरूरी है।

The art of synchronizing – तालमेल बिठाने की कला

दूसरों की नकल करना मनुष्य का एक साधारण स्वभाव है। असल में आपको यह एहसास भी नहीं  होता कि आप जिस दिन से पैदा हुए उस दिन से अपने आप को दूसरों के साथ जोड़ रहे हैं। जैसे एक बच्चे का शरीर उसकी माता के साथ अपने आप एक तालमेल बना लेता है।

तालमेल बनाने की यह आदत जीवन भर हमारे साथ रहती है। जैसे कि, एक व्यक्ति की कपड़ों की पसंद उसके जीवन साथी से प्रभावित होती हैं। पर ऐसा क्यों होता है?

दरअसल अपने आपको दूसरों के अनुकूल बनाना पूरी तरह से प्राकृतिक है। जैसे कि यदि कोई आपकी तरफ देखकर मुस्कुराता है तो आप भी उनकी तरफ देखकर मुस्कुराते हैं वैसे ही दूसरे व्यक्ति की उबासी देखकर आप उबासी लेने लगते हैं ।

यह तालमेल हमारे जीवन का एक प्रमुख हिस्सा है और खासतौर पर जब बात दूसरों के साथ संबंध बनाने की हो तो यह बहुत महत्वपूर्ण है । आखिरकार हमें वही लोग पसंद आते हैं जिनसे हमारा अच्छा तालमेल बन जाता है और जो हमारे जैसे होते हैं। बहुत सारे researches से यह पता चला है कि हम लोग उन लोगों के साथ काम करना और घूमना पसंद करते हैं जो हमारी तरह दिखते हैं या फिर हमारे जैसे स्वभाव वाले होते हैं।

पर जब बात किसी को आकर्षित करने की हो तब इस तालमेल का क्या अर्थ है? इसका अर्थ है कि आप बड़ी सावधानीपूर्वक और बारीकी से दूसरे व्यक्ति के चेहरे के हाव-भाव, उनके बोलने के तरीके और उनके उठने-बैठने के तरीके की नकल करने लगते हैं।

तालमेल बनाना एक बहुत महत्वपूर्ण प्रतिभा भी है, विशेष रुप से sales का काम करने वाले लोगों के लिए। Sales के लिए जरूरी है कि salesperson और client के बीच अच्छा तालमेल हो। मान लीजिए कि एक व्यक्ति चुपचाप और शांति से  किसी art gallery  की paintings को देख रहा है और और इतने में एक आक्रामक तरीके से बोलने वाला salesperson उस व्यक्ति के पास जाकर, उसका हाथ पकड़कर, वहां रखें पेंटिंग्स की तारीफ करने लगे तो ऐसे में वह व्यक्ति डर जाएगा  और बिना पेंटिंग खरीदें ही  वहां से चला जाएगा । वहीं दूसरी ओर अगर वह salesperson उस व्यक्ति के हाव-भाव की नकल करते हुए शांति से उसके पास जाकर उसे पेंटिंग्स के बारे में बताएं तो इस बात की ज्यादा संभावना है कि वह  ग्राहक उस पेंटिंग को खरीद लेगा।

Asking the right question and listening carefully – सही सवाल पूछना और ध्यान पूर्वक सुनना

अब तक आपने यह सीख लिया है कि बातचीत करते समय कैसे आप दूसरे व्यक्ति को अपने हाव-भाव और अपनी आवाज़ के जरिए खुश कर सकते हैं। पर इसके अलावा यह भी महत्वपूर्ण है कि आप अपनी बातचीत के दौरान क्या बोलते हैं। तो चलिए जानते हैं कि आप अपनी बातचीत को सही दिशा में कैसे लेकर जा सकते हैं?

लेखक Nicholas Boothman  कहते हैं कि किसी भी बातचीत को शुरू करने का सबसे अच्छा तरीका होता है सवाल पूछना। सवाल दो तरीके के हो सकते हैं: open और closed।

Open प्रश्न ऐसे प्रश्न होते हैं जो दूसरे व्यक्ति को बात करने के लिए बढ़ावा देते हैं। मान लीजिए कि आप किसी होटल में है और किसी अनजान व्यक्ति से बात करने का प्रयत्न कर रहे है। ऐसे में आप दूसरे व्यक्ति से कह सकते हैं कि “यह एक अच्छा होटल है। आपको क्या लगता है कि यहां का chef कहां से होगा?”

Open सवालों के लिए आपको ऐसे शब्दों का प्रयोग करना चाहिए जिससे कि सामने वाला व्यक्ति बातचीत का हिस्सा बन जाए जैसे कि कौन, कब, कहां, कैसे, क्यों आदि।

इसके विपरीत closed सवाल ऐसे सवाल होते हैं जिनका सिर्फ हां या ना में जवाब होता है। यह प्रश्न सामने वाले व्यक्ति को आपके बातचीत का हिस्सा नहीं बनाते हैं। जैसे कि अगर आपने सामने वाले व्यक्ति से पूछा है कि “क्या आप यहां अक्सर आते हैं?” ऐसे में जवाब हां या ना ही हो सकता है।

इसलिए यह बेहतर होता है कि बातचीत बढ़ाने के लिए आप open सवालों का प्रयोग करें।

यहां यह समझना जरूरी है कि सही सवाल पूछना ही काफी नहीं होता। जरूरत होती है active listening की जिसका अर्थ है कि आप दूसरे व्यक्ति की कही गई बातों पर ध्यान दें और उन बातों में छिपे उस व्यक्ति की भावनाओं को भी समझें।

ऐसा करने के लिए आपको अपने कानों के साथ अपनी आंखों का भी इस्तेमाल करना पड़ेगा। हमेशा दूसरे व्यक्ति की तरफ देखकर उनकी बात सुननी चाहिए और जब आप उनकी बात से सहमत हो तो अपना सर हिला कर आपको अपनी सहमति व्यक्त करनी चाहिए।

जब आप कोई बात कहना चाहते हैं तो हमेशा याद रखना चाहिए कि पहले दूसरे व्यक्ति की बात को खत्म होने दें और उसके बाद उत्सुकता से उनकी बात का जवाब दें।

Spotting sensory preferences – संवेदी प्राथमिकताओं का पता लगाना

  • Richard Bandler and John Grinder Neuro Linguistic Program (NLP) नामक बातचीत करने की  एक  प्रक्रिया के संस्थापक है। 1970 में उन्होंने अपने research मे पाया कि लोग अपने आसपास की दुनिया को visual यानी देखकर, auditory यानी सुनकर या Kinesthetic यानी मांसपेशियों की गतिविधि के जरिए ही महसूस करते हैं।हर व्यक्ति अपने जीवन में इन तीनों में से किसी ना किसी का उपयोग करता है ।   लेकिन इन तीनों में से एक चीज जीवन भर व्यक्ति के नज़रिए पर प्रभाव डालती है जिसे हम dominant sense कहते हैं। जब आप यह जान जाते हैं कि तीनों में से कौन सी एक चीज आपकी बातचीत करने के तरीके में ज्यादा पाई जाती है तो दूसरों के साथ तालमेल बनाना आपके लिए आसान हो जाता है।जो लोग ज्यादातर visual वाले होते हैं वे इस बात पर ध्यान देते हैं कि चीजें कैसी दिखती है और वे चित्रों में सोचते हैं। वह बहुत अच्छे  तरीके  से कपड़े पहनते हैं और बहुत जल्दी-जल्दी बोलते हैं।Auditory वाले लोगों को बातचीत करना पसंद होता है। वह आराम से अपने आप को व्यक्त करते हुए बात करते हैं। ज्यादातर ऐसे लोग वकील, टीचर या मीडिया में काम करने वाले होते हैं। वह शब्दों पर और आवाज़ पर बहुत ध्यान देते हैं।Kinesthetic पर ध्यान देने वाले लोगों को ठोस चीजें पसंद होती हैं जिन्हें वह महसूस कर सकते हैं। इनकी आवाज़ धीमी होती है और यह बहुत ही धीरे-धीरे बात करते हैं।

    जब आप दूसरे व्यक्ति के dominant sense के हिसाब से उनसे बात करते हैं तो वह व्यक्ति आपको और ज्यादा पसंद करता है। जैसे कि शब्दों पर ध्यान देने वाले लोगों के साथ अगर आप स्पष्ट और अच्छी आवाज़ में बात करें या Kinesthetic पर ध्यान देने वाले लोगों के साथ अगर आप भावनात्मक तरीके से बात करेंगे तो ऐसे लोग आपको अवश्य पसंद करेंगे |

    अब बात आती है कि आप यह कैसे पता लगा सकते हैं कि दूसरे व्यक्ति का dominant sense क्या है? यह जानने के लिए आपको उस व्यक्ति की आंखों की ओर देखना होगा। यदि आप किसी से पूछते हैं कि उनकी छुट्टियांँ कैसी बीती?  तो एक visual व्यक्ति  दाएं-बाएं देखेगा जैसे कि वह अपना जवाब देख रहा है, वही  एक Auditory व्यक्ति दाएं-बाएं अपने कानों की तरफ देखेगा और Kinesthetic व्यक्ति नीचे या अपने हाथों की तरफ देखेगा।

    दूसरे शब्दों में कहे तो, अगर आपको पता ना चले कि आपको दूसरे व्यक्ति से कैसे बात करनी है तो आपको उनकी आंखों में देखना चाहिए। ऐसा करने से आप यह समझ जाएंगे कि वह किस प्रकार के व्यक्ति हैं और आप अपनी बातचीत को उसी अनुसार ढाल सकते हैं।

तो दोस्तों जैसा कि मैंने आपसे कहा था कि इस video के अंत में, मैं दिए गए सारे महत्वपूर्ण points को दोबारा दोहराऊँगा तो चलिए सारे  महत्वपूर्ण बातों पर एक बार फिर से नजर डाल लेते हैं :

  • लोगों के साथ जुड़ना हमारे स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए भी बहुत लाभदायक है। जो लोग दूसरों से मिलजुल कर रहते हैं और लोगों से अच्छे संबंध रखते हैं उन लोगों की उम्र ज्यादा लंबी होती है।
  • लोग जो सबसे पहली चीज आप में नोटिस करते हैं  वह है आपका शरीर, आपकी आँखें और आपके चेहरे के हाव-भाव।
  • जब आप यह तय कर लेते हैं कि आप अपनी बातचीत से एक सकारात्मक परिणाम चाहते हैं तब आप अपने आप ही ऐसी body language और मुस्कुराहट को अपना लेते हैं जिससे लोग आपको पसंद करते हैं |
  • अगर आप दूसरों के साथ अच्छा तालमेल बनाना चाहते हैं तो आपको एक उपयोगी और सकारात्मक रवैये को अपनाना चाहिए।
  • हम लोग उन लोगों के साथ काम करना और घूमना पसंद करते हैं जो हमारी तरह दिखते हैं या फिर हमारे जैसे स्वभाव वाले होते हैं।
  • बातचीत बढ़ाने के लिए आप open सवालों का प्रयोग करें। Open सवालों के लिए आपको ऐसे शब्दों का प्रयोग करना चाहिए जिससे कि सामने वाला व्यक्ति बातचीत का हिस्सा बन जाए जैसे कि कौन, कब, कहां, कैसे, क्यों आदि।

तो दोस्तों मुझे उम्मीद हैं कि आपको  How to Make People Like You in 90 Seconds or Less, किताब पर बना यह video बहुत पसंद आया होगा  | इस video को like और share करें  | और ऐसे ही interesting book summaries और knowledge से भरे videos देखने के लिए हमारे चैनल Brain Book को subscribe करें | मैं जल्द ही आपके लिए एक नया Video लेकर आऊंगा | तो चलिए मिलते हैं अगली VIDEO  में |

आपका समय शुभ हो |