HELLO BRAINBOOK ARMY, स्वागत है आप सभी का BRAIN BOOK चैनल में, जहां पर आप देख सकते हैं COMPLETE BOOK SUMMARIES | आज का यह वीडियो ROBERT GREENE की FAMOUS BOOK, THE LAWS OF HUMAN NATURE पर आधारित है | यह NEW YORK TIMES BEST SELLER BOOKS में से एक है | यह Book हमें सिखाती है कि हम अपने आसपास के लोगों के behaviour को कैसे पहचाने | इससे हमें पता चलता है कि लोग जो कुछ करते हैं वह क्यों करते हैं? हम अपने Emtions को कैसे control कर सकते हैं? मुखौटे के पीछे छिपे लोगों के असली चेहरे को कैसे पहचाने? THE LAWS OF HUMAN NATURE Book हमें Success, Self -Improvemnt और Self – defense के लिए बेहतरीन Tools और Knowledge प्रदान करती है | इस Book में कुल 18 Chapters हैं | मैंने इस Book को 2 PARTS में DIVIDE किया है और मैं एक-एक करके आपको सभी CHAPTERS के बारे में DETAIL में बताऊंगा | इस video में मैंने Chapter 1 से लेकर Chapter 9 तक बताया है | बाकी के बचे 9 Chapters की Summary मैं आपको इसके दूसरे Part में बताऊंगा | इस video के अंत में, मैं बताये गए Chapters के सभी important बातों को short में दोबारा दोहरा दूँगा, ताकि इस video में बताई गई बातें आपको आसानी से याद रहे | तो इस वीडियो को अंत देखना मत भूलियेगा |
तो चलिए शुरूआत करते हैं पहले PART से |
1) Master Your Emotional Self – स्वयं के भावनात्मक रूप को वश में करें
The Law of Irrationality –
Writer का कहना है कि भले ही हम अपने future को खुद के control में समझते हैं, लेकिन अक्सर हम अनजान होते हैं कि कैसे हमारे emotions हमें control करते हैं। हमारे emotions हमें वही दिखाते हैं जो हम देखना चाहते हैं और इस तरह हम Reality से दूर हो जाते हैं और जीवन में अक्सर गलत decisions ले लेते हैं | Rationality यानि तार्किकता एक ऐसी ability है जो हमें emotions से हटकर rational तरीके से सोचने और जिंदगी की reality से हमारी पहचान कराने में हमारी मदद करती है ।
एक बार जब Athens पर Sparta ने हमला किया, तो प्राचीन एथेंस के महान राजनेता Pericles ने सभा को संबोधित करते हुए उन्हें युद्ध से बचने के लिए एक rational योजना बताई | Pericles एक rational व्यक्ति थे वह ज्ञान की देवी Athena की पूजा करते थे और इस बात पर यकीन करते थे कि rational होकर ही progress हो सकती है । लेकिन उसी समय Athens में प्लेग की बीमारी फ़ैल जाने से कई लोग मारे गए, उनमें से एक Pericles भी थे। जिससे Pericles का plan फेल हो गया। स्पार्टा की सेना ने इस बात का फायदा उठाया और Athens पर हमला कर दिया | Athens के लोग अपनी हार का कारण Pericles को मानने लगे। एथेंस के लोग अपनी हार का बदला लेना चाहते थे, गुस्से ने उन्हें अँधा कर दिया था | उन्होंने बार – बार irrational और निराशाजनक तरीके से युद्ध किया लेकिन उन्हें हर बार हार का सामना करना पड़ा और अपने emotions के बहाव में आकर एथेंस ने अपनी सुख-समृद्धि और सेना दोनों गवा दी।
जब तक हम अपने और दूसरों के emotions से influence होते रहेंगे तब तक हम rational नहीं बन पाएंगे। अपनी समझ को बढ़ाने के लिए सबसे पहले हमें अपने emotions को और उनके कारण को समझना जरूरी है। जिस तरह practice से खिलाड़ी flexible बनता है उसी तरह अपने thoughts पर ध्यान देने से emotions को control किया जा सकता है । Irrational या नासमझ व्यक्ति को उसके emotions कभी भी successful नहीं होने देते। अपने emotions पर काबू पाने के लिए तीन important बातों का ध्यान रखना ज़रुरी है -पहला step है Biases यानि झुकाव को पहचानना | हम अक्सर वही कहते और करते है जिससे हमें ख़ुशी हो। दूसरा step है अपने emotions और उनके कारणों को जानना | और तीसरा तथा important step है अपने अंदर की rational power को बाहर लाने की दिशा में काम करना । यदि आप अपने emotions और rationality के बीच ताल – मेल बिठा लेंगे तो खुद के emotions को Control करने से आपको कोई नहीं रोक सकता ।
2) Transform Self Love into Empathy – (आत्म – प्रेम को सहानुभूति में बदलना)
The law of narcissism-
सहानुभूति या Empathy हमें सबसे जोड़ने वाली और social power दिलाने वाली एक tool है। इंसान एक सामाजिक प्राणी है और उसकी LIfe का purpose न सिर्फ खुद से प्रेम करना बल्कि दूसरों के प्रति संवेदनशीलता यानि Empathy रखना भी है। हर इंसान को Attention की भूख जन्म से ही रहती है। इसलिए हम खुद की एक ऐसी image बना लेते हैं जो न सिर्फ हमें अपनी importance का एहसास दिलाती है बल्कि हमें हमारे मन में दूसरों से superior भी बनाती है।
जैसे-जैसे हम बड़े होते हैं हम अपने parents के qualities को अपनाते जाते हैं। ऐसा देखा गया है कि अक्सर ऐसे ही बच्चे Narcissist बनते हैं जिनके parents या तो बचपन में उन पर बिलकुल ध्यान नहीं देते या बहुत अधिक ध्यान देते हैं और उन्हें किसी से मिलने – जुलने का मौका नहीं देते है।
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Narcissist ऐसे व्यक्ति को कहते हैं जो बस खुद से प्यार करता है और जो हमेशा दूसरों को control करना चाहता है | Narcissist व्यक्ति हमेशा attention की तलाश में रहता है | यदि narcissist संकोची यानि introvert हो तो वह खुद की अलग दुनिया बना लेता है, जहाँ वह या तो खुद को सबसे कमजोर समझता है या सबसे बेहतर समझता है | वहीं एक Extrovert Narcissist उल्टी सीधी हरकतों से लोगों का ध्यान अपनी ओर attract करने की कोशिश करता हैं । वह हमेशा Self – doubt और stress से घिरा रहता है ।
लेखक ने यहां 4 प्रकार के narcissist के बारे में बताया है। पहला है Complete Control Narcissist – कुछ narcissists न सिर्फ खुद को बेहतर साबित करना पसंद करते है, बल्कि वे चाहते हैं कि दूसरे भी उनके हिसाब से ही चलें । हिटलर और स्टालिन ऐसे ही narcissists व्यक्ति के उदाहरण है | दूसरा है Theatrical Narcissist – कुछ लोग Attention पाने के लिए अक्सर drama करते हैं और बहाने बनाते हैं इन्हें Theatrical Narcissist कहा जाता है। तीसरा है mutual narcissist – आमतौर पर couples के बीच mutual narcissism देखने को मिलता है। चौथा है Healthy Narcissist – ऐसे लोग खुद के साथ – साथ दूसरों को भी importance देते हैं और उनके behaviour को भी आसानी से समझ सकते हैं।
Reality में हम सब कहीं न कहीं narcissist है, लेकिन writer कहना चाहते हैं कि self-love के साथ – साथ दूसरों के प्रति empathy रखना और दूसरों को समझना भी जरुरी है।
3) See through people’s mask – ( लोगों के मुखौटे के पार देखें )
The law of Role-Playing
लेखक कहते है कि हर व्यक्ति अपने चेहरे पर अच्छाई का एक mask पहनकर रखता है | लोग अक्सर अपने polite, खुश और confidence से भरे behaviour के पीछे अपनी jealousy और insecurity को छिपाकर रखते हैं | यदि हम लोगों के दिखावे को हक़ीकत समझेंगे तो हम उनकी असलियत कभी नहीं समझ पाएंगे | हर व्यक्ति अपनी बातों और behaviour के साथ कुछ Nonverbal hints देता है जिन्हें यदि हम ध्यान से observe करें तो हम काफी हद तक mask के पीछे छिपे व्यक्ति का असली चेहरा देख सकते हैं |
1919 में जब famous psychologist और hypnotherapist Milton Erickson को paralysis का दौरा पड़ा, उस वक़्त वह कुछ भी कर पाने में असमर्थ थे | यह समय उन्होंने अपने भाई और बहनों के body language यानि बोलने का तरीका, हाव-भाव, Breathing जैसी चीजों को observe करने में बिताया | धीरे-धीरे Erickson को समझ में आ गया कि लोगों को observe करके न केवल उन्हें समझा जा सकता है बल्कि उनके काम-काज, पसंद – नापसंद, झूठ बोलने के hints, उनका past सब कुछ जाना जा सकता है |
बोलते समय हम लगभग 65% अशाब्दिक यानि Nonverbal hints का इस्तेमाल करते हैं | यदि आप शांत होकर अपने आसपास के लोगों को observe करें तो आप उनके बात करने के तरीके से उनके mood को भी समझ सकते हैं |
जब हम छोटे बच्चे होते हैं तब लोगों के body languages को पहचान लेते हैं | लेकिन जैसे – जैसे हम बड़े होते हैं तो Nonverbal hints को पहचानना भूल जाते हैं | हम अपनी Life में अपने हाव – भाव पर ध्यान देकर और लोगों को Observe करके, न सिर्फ लोगों के सामने sincere और honest दिख सकते हैं बल्कि लोगों के behaviour और उनके असली mood को भी समझ सकते हैं |
4) Determine the strength of people’s character – लोगों के चरित्र की ताकत का निर्धारण करें
The law of Compulsive behaviour
दोस्तों दूसरों के साथ जुड़ने या काम करने से पहले उनके status या उनके द्वारा उस वक्त दिखाई गई image से influence न होकर, हमें उनके character को समझने के लिए खुद को train करना चाहिए | लोगों के हर दिन के habits उन्हें एक ही काम दोबारा करने के लिए प्रेरित करते हैं | अगर ऐसे pattern को नज़दीक से देखें तो आप जान जायेंगे कि लोग कोई भी काम एक बार नहीं करते हैं, हर व्यक्ति बार-बार अपने behaviour को repeat करता है | कोशिश करें कि आप हमेशा मजबूत character के लोगों की ओर ही attract हों और Toxic या Negative टाइप के लोगों से दूर रहें | साथ ही अपने character को भी Observe करें, ताकि अपने regular pattern को तोड़कर आप life में successful बन सके |
Writer ने अमेरिका के मशहूर Film Director और Businessman, Howard Hughes के example से समझाया है कि obedient और शर्मीले Hughes अपने parents की मौत के बाद Abusive और विद्रोही बन गए | Business Magnet Hughes की image लोगों के सामने तो एक बहुत successful person की थी, लेकिन उनकी Life का pattern stress और अपने आस-पास की हर चीज को control करने की भावना से भरा था |
हर इन्सान का character दूसरे से अलग होता है, लेकिन कुछ लोगों का behaviour हमारे लिए toxic रहता है, इस प्रकार के लोगों से हमें हमेशा दूर रहना चाहिये | जैसे कि Hyper-perfectionist लोग कभी किसी के काम से खुश नहीं होते | Rebel या विद्रोही – जिनका चरित्र exciting तो लगता है लेकिन reality में उनमें बचपना होता है | Personalizer – ऐसे लोग दूसरों की हर बात का बुरा मान जाते हैं और हमेशा उस बात के लिए दूसरों को blame करते रहते हैं | इसके अलावा Drama करने वाले, बड़ी बड़ी डींगे हाँकने वाले और आपको Control करने की कोशिश करने वाले लोगों से भी दूर ही रहना चाहिए |
5) Become an Elusive object of Desire – (इच्छाओं की एक मायावी वस्तु बनें)
The law of Covetousness
दोस्तों किसी चीज का हमारे पास होना न होना, हमारे उपर एक गहरा impact डालता है | किसी चीज के ज्यादा होने से हम घुटन महसूस करने लगते हैं और किसी चीज का न होना हमे उसकी ओर attract करता है | हर इंसान के अंदर, जो चीज उसके पास नहीं है, उसे पाने का desire सबसे ज्यादा होता है| यदि आप अपने आसपास mystery या रहस्य बनाना सीख जायेंगे, तो लोग आपको पाना चाहेंगे और आपसे जुड़ना चाहेंगे | जब भी लोगों के सामने ऐसी चीज आती है जो न तो उनके पास है और जो न ही उन्हें कभी नहीं मिल सकती है, तो वह लोगों का Desire बन जाता है |
मशहूर Chanel Fashion की founder, Coco Chanel को बचपन से ही उन चीजों की ओर attraction था, जो उसके लिए restricted या प्रतिबंधित थी | वह हमेशा वो करना चाहती थी जो उसकी पहुंच से दूर था | लेकिन जब Coco Chanel को यह समझ में आया कि यह human nature का desire है, तो उसने इसी का फायदा उठाया और अपने designs को एक ऐसे mystery में बदल दिया जिसे लोग सुलझाना चाहते थे, जानना चाहते थे और हासिल करना चाहते थे |
Coco chanel की तरह आपको भी अपने नज़रिये को बदलने जरूरत है | अपने desires को जानने के बजाय यह जाने कि लोग क्या चाहते हैं, उनकी छुपी हुई इच्छाएं और desires को पहचाने | अगर आपके prsence में एक mysterious प्रभाव होगा तो लोग खुद ब खुद आपकी और खिंचे चले आएँगे | लोगों को हमेशा अपने और अपने products के लिए excited बनाये रखने के लिए उन्हें Surpirse करें और उनके desires को समझने की कोशिश करें |
आखिर में Reality के साथ गहरा relation बनाएँ, जो आपको शांत और Focused होने में मदद करेगा | हमेशा याद रखें कि आप अपने desires के मालिक हैं न कि उसके नौकर और आपका काम हमेशा और अधिक better और innovative हो सकता है |
6) Elevate Your Perspective – (अपने दृष्टिकोण का विस्तार करें)
The law of Shortsightedness
हर इन्सान का nature होता है कि Present में जो हमारे सामने होता है और हमें सुनाई देता है – हम केवल उसी पर ध्यान देते हैं | यही वजह है कि हम लुभावने scheme और आसानी से पैसा कमाने जैसे वादों के बहकावे में आ जाते हैं | ऐसे लोगों से दूर रहें जो अपने काम के results के बारे में नहीं सोचते हैं, ऐसे लोग अपनी negative energy से आपको भी नुक्सान पहुंचा सकते हैं | आपकी नजर हमेशा बड़े profits पर होनी चाहिए, जो शायद अभी आपको फायदा न दें लेकिन future में ज़रूर फायदा देंगे |
Short-term की सोच से अनजाने और खतरनाक results मिल सकते हैं | ऐसा ही 1920 में US में हुआ, जब US में शराब-बंदी announce किया गया था, लेकिन उसके ठीक उलट इस फैसले से से केवल शराब का consumption बढ़ गया । यह decision बिना गहराई से सोचकर जल्द हल निकालने के लिए लिया गया था | इसलिए यह decision बुरी तरह fail हुआ |
हम भी बाक़ी सभी की तरह present में सुख ढूंढते हैं, लेकिन यदि हम अपने Long-term goals को लेकर चलेंगे, तो न सिर्फ हम problems को solve कर सकेंगे, बल्कि यह हमें और अधिक शांत और effective बनाएगा | अंत में यदि हम present में रहेंगे तो problems और उनके कारण को नहीं जान पाएंगे क्योंकि present की हर problem की जड़ें past में छिपी होती है |
7) Soften People’s Resistance by Conforming Their Self Opinion – लोगों की स्वयं की राय की पुष्टि करके उनके प्रतिरोध को कम करें
The Law of defensiveness-
दोस्तों लोग हमेशा सोचते हैं कि वो आज़ाद हैं लेकिन जब कोई उन्हें फुसलाने या बदलने की कोशिश करता है तो वो defensive बन जाते हैं | इसलिए लोगों को उनकी Defensive position से हटाने के लिए हमेशा उन्हें ऐसा दिखाना चाहिए की वो जो कर रहें हैं, खुद की मर्ज़ी से कर रहे हैं, न कि आपके कहने पर | लोगों के विश्वास पर कभी सवाल न उठाये और न ही उनकी intelligence और अच्छाई को लेकर उन्हें insecure महसूस करवाए | इससे वे और अधिक defensive हो जायेंगे और आपका काम और भी अधिक मुश्किल हो जायेगा |
अमेरिका के छत्तीसवे President, Lyndon Johnson लोगों को अपने मुताबिक काम करवाने में master थे | Johnson का सिर्फ एक ही purpose था- एक दिन US का प्रेसिडेंट बनना | उन्होंने अपनी शुरूआती गुस्सैल image को बदलकर अपने रास्ते से हटकर सहयोगी दलों को जीतने की कोशिश की, दूसरों पर अपनी पकड़ बनाने के लिए उन्होंने लोगों पर कई तरह के एहसान किये | उन्होंने न सिर्फ दूसरों को बोलने का मौका दिया बल्कि ध्यान से उनकी बातें भी सुनी और इस तरह Johnson एक दिन U.S. President बन गये |
Writer कहना चाहते है कि Johnson की तरह ही Master Persuader यानि दूसरों को अपनी बात मनवाने के लिए जरूरी है, कि आप एक अच्छे Listener बने, अपने confidence से लोगों को influence करे और लोगों की खुद के बारे में जो राय है उसे वैसा ही बने रहने दें | यदि हम दूसरों को influence करना चाहते हैं तो जरूरी है कि हम अपने self- opinion को पहचाने और उससे दुरी बनाकर रखें | वहीँ दूसरों के self-opinion से agree करें |
8) Change your Circumstances by changing your attitude – (अपना रवैया बदलकर अपनी परिस्थितियां बदले)
The law of Self Sabotage
Writer कहते हैं कि हम सभी दुनिया को अपनी तरह से देखते हैं, हर किसी का दुनिया को देखने का नज़रिया अलग होता है | यह हमारा attitude होता है और यह decide करता है कि हमारी life में हमारे साथ क्या होगा | यदि आपका रवैया डर का है तो आपको हर चीज negative नजर आयेगी | आप अपनी हर ग़लती के लिए दूसरों को blame करेंगे | यदि हम Doubt महसूस करते हैं तो हमारी prsence में दूसरे भी ऐसा experience करते हैं | हम अपना रवैया Positive बनाकर, अपने problems से सीख सकते हैं और opportunity create कर सकते हैं | हमें अपने willpower की limit को जानना चाहिए और देखना चाहिए कि वह हमें कितना दूर ले जाती हैं|
Example के लिए famous writer Anton Chekhov का बचपन मुश्किलों में बीता | उनके पिता एक हिंसक और Abusive इन्सान थे | जिसका प्रभाव Chekhov के जीवन पर काफी लम्बे समय तक रहा | वो काफी लम्बे समय तक अपने पिता को माफ़ नहीं कर पाए और Anxiety का सामना करता रहे | लेकिन समय के साथ Chekhov ने जब गंभीरता से अपने पिता के behaviour और उसके कारण को समझा, तो उनके अंदर अपने पिता के लिए जो गुस्सा था वो खत्म हो गया | हम अक्सर अपने बचपन के डर और चोट को साथ लेकर चलते हैं और दुनिया के लिए एक negative attitude बना लेते हैं|
हम इंसानों को यह सोचना पसंद होता है कि हम दुनिया की Reality को जानते हैं और दूसरों की तरह ही दुनिया को देखते हैं | लेकिन सच्चाई तो यह है कि कोई भी दो व्यक्ति कभी भी दुनिया को एक जैसे नहीं देखते हैं | Carl Jung के अनुसार, हमारा attitude हमारे दिमाग की काम करने और react करने की ability है | Negative attitude वाले लोग बचपन से ही दुनिया को negatively देखते हैं | उन्हें लगता है कोई भी उनसे प्यार नहीं करता और वो सिर्फ critisicm और धोखे की उम्मीद करते हैं |
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अपने खुद के नज़रिये को बड़ा करें और लोगों के behaviour के पीछे का कारण जानने की कोशिश करें | खुद के जीवन का एक purpose बनाएँ और उसे पाने के लिए अपनी Limitations से आगे बढ़ जाएँ |
9) Confront Your Dark side – (अपनी Dark साइड को पहचानें)
The law of Repression
लोग हमें अक्सर जैसे दिखते है वैसे होते नहीं हैं | उनके अच्छे और मिलनसार बाहरी रूप के पीछे insecurity और गुस्सा छिपा हुआ होता है | हम अक्सर अपनी Selfish motives को हमारी dark side या negative side के पीछे छिपा लेते हैं और दुनिया के सामने एक अलग इन्सान के रूप में नज़र आते हैं | हमें लोगों की Dark साइड के hints को समझना चाहिए, नहीं तो ऐसे लोग हमारे लिए toxic या harmful बन जाते हैं | दूसरों की बुराइयां देखने के साथ हमें अपनी dark side को भी पहचानना चाहिए | यदि आप अपनी dark side को अपनी personality में शामिल कर लेंगे तो आप confident feel करेंगे और आपकी Honesty लोगों को आपकी ओर attract करेगी |
Example के लिए Richard Nixon अमेरिका के एक बहुत ही popular नेता थे, लेकिन जो लोग उन्हें करीब से जानते थे उन्हें मालूम था कि Nixon की अच्छी और बुरी दो sides थी | Nixon बचपन से ही अपनी ओर attention चाहते थे लेकिन उनके माता पिता का बर्ताव Nixon के प्रति अच्छा नहीं था | बचपन में जो भी हुआ उसका प्रभाव Nixon पर पड़ा और उन्होंने एक अच्छे और दयालु आदमी की image बनाई | वहीँ दूसरी ओर Nixon की anxiety और Self-dount उनकी dark side में बदल गयी | 1974 में Secret Tapes में Nixon की dark side दुनिया के सामने आई | Nixon अक्सर ही अपने आस पास के लोगों पर गुस्सा हो जाते थे और अपनी ग़लती दूसरों पर डाल देते थे |
हमें अपने आस – पास के लोगों के behaviour observe करना चाहिए | अक्सर लोग जिस प्रकार की image लेकर घूमते हैं, stress के समय उससे ठीक उल्टा behave करते हैं |
हमें अपनी dark side को भी न केवल पहचानना चाहिए बल्कि उसे समझना भी चाहिए | हमें अपने dark side को किसी Harmless तरीके से बाहर निकलना चाहिए | जैसे कि कोई Journal लिखकर या फिर कोई Art form अपनाकर |
तो दोस्तों यह इस video में बताया गया आखिरी chapter था और जैसा कि मैंने आपसे कहा था कि इस video के अंत में, मैं आपको बताए गए सारे chapters के important points को दोबारा दोहराऊँगा तो चलिए सारे important बातों पर एक बार फिर से नजर डाल लेते हैं :
- हमारे Irrational emotions हमें वही दिखाते हैं जो हम देखना चाहते हैं, इसलिए हमें हमेशा सोच समझ कर rational तरीके से फैसले लेने चाहिए |
- हम सभी कहीं न कहीं Narcissist होते हैं लेकिन हमें दूसरों को और उनके behaviour को समझना चाहिए | इस तरह हम अपने narcissism को अपने हिसाब से बदल सकते हैं |
- लोग अक्सर अपनी सच्ची feelings और विचारों को अपने अच्छाई के मुखौटे के पीछे छिपा कर रखते हैं लेकिन हम उनके body language को समझकर उनके mood और personality के बारे में जान सकते हैं |
- इंसान का nature होता है कि उसे दूसरे के पास जो चीज़ होती है वह खुद से ज्यादा अच्छी नज़र आती है लेकिन जब वह चीज़ हमें मिल जाती है तो तो वह हमारे लिए उतनी अच्छी नही रह जाती |
- यदि हम दूसरों को influence करना चाहते हैं तो यह जरूरी है कि हम अपने self- opinion को पहचाने और उससे दुरी बनाकर रखें |
- हमें अपनी dark साइड को पहचानना चाहिए और उसे किसी Harmless तरीके से बाहर निकलना चाहिए |
दोस्तों ये THE LAWS OF HUMAN NATURE Book का पहला PART था | मुझे उम्मीद हैं कि आपको ये PART बहुत पसंद आया होगा और आपने इस वीडियो में बताई गई बातों से बहुत कुछ सीखा होगा | इस video को like और share करें | और ऐसे ही interesting book summaries और knowledge से भरे videos देखने के लिए हमारे चैनल Brain Book को subscribe करें | मैं जल्द ही THE LAWS OF HUMAN NATURE का दूसरा PART लेकर आऊंगा तो चलिए मिलते हैं अगली VIDEO में |
आपका समय शुभ हो |